Bihar Board Class 10th Social Science

10th के सामाजिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

1. मेटरनिख युग क्या है?

उतर:– नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप की बिजाई शक्तियां ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1815 ईस्वी में एकत्रित हुई। इसका उद्देश्य यूरोप में पुनः उसी व्यवस्था को कायम करना था, जिसे नेपोलियन के युद्धों और विजयों ने अस्त-व्यस्त कर दिया था ।1815 ईस्वी में एकत्रित बयाना कांग्रेस का नेतृत्व ऑस्ट्रिया के चांसलर मीटर निक ने किया था ,जो घूर प्रतिक्रियावादी था। 1815 से 1848 तक की कॉल को यूरोप में मेटार्निख की युग के नाम से जाना जाता है।https://nearbihar.com/क्लास-10-लघुउत्तरीय-सवाल/

2. इटली के एकीकरण में मेजनी के योगदान का वर्णन करें।

उतर:– मैजिनी साहित्यकार गण तांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था । वह राष्ट्र वादियों द्वारा गठित कार्बोनरी दल का सदस्य था ।1830 ईस्वी के फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से इटली अछूता नहीं रहा। मैजिनी ने इन नागरिक आंदोलन का उपयोग करते हुए उत्तरी और मध्य इटली में एकीकृत गणराज्य स्थापित करने का प्रयास किया, लेकिन ऑस्ट्रिया के चांसलर मिटाने द्वारा इन राष्ट्रवादी नागरिक आंदोलनों को दबा दिया गया और मेजोनी को इटली से पलायन करना पड़ा।

1848 इसवी में जब फ्रांस सहित पूरे यूरोप में क्रांति का दौर आया तो मीटर निक को भी अंततः ऑस्ट्रिया छोड़ना पड़ा, इसके बाद इटली की राजनीति में पुणे में शनि का आगमन हुआ किंतु ऑस्ट्रिया के हस्तक्षेप से इटली में हुए जनवादी आंदोलन को कुचल दिया गया । इस प्रकार मेजोनी की पुनः हार हुई और वह पलायन कर गया।

3. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभाव का वर्णन करें।

उतर:– राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व में कि राजनीतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक , सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।

राष्ट्रवाद की भावना का बीजारोपण यूरोप में पुनर्जन्म के काल में ही हो चुका था,परंतु 1889 ईस्वी की फ्रांसीसी क्रांति से या उन्नत रूप में प्रकट हुई। 19वीं शताब्दी में यह उन्नत एवं आक्रमक रूप से सामने आई।यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति तत्पश्चात नेपोलियन के आक्रमणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। फ्रांसीसी क्रांति ने राजनीति को अविभाज्य बरगी परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया। यूरोप के कई राज्यों में नेपोलियन के अभियानों द्वारा नवयुग का संदेश पहुंचा।

       नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनीतिक रूपरखा प्रदान की जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ नेपोलियन की नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और अधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्ति पूर्ण बिच्छू भी जगा।राष्ट्रवाद में ना सिर्फ दो बड़े राज्यों के उदय को ही सुनिश्चित नहीं किया ,बल्कि अन्य यूरोपीय राष्ट्रों में भी इसके कारण राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हुई। हंगरी बोहेमिया तथा यूनान में स्वतंत्रता आंदोलन इसी राष्ट्रवाद का परिणाम था। किसी के प्रभाव में ऑटोमन साम्राज्य के पतन की कहानी को अंतिम रूप दिया। बाल्कन क्षेत्र में राष्ट्रवाद के प्रसार में चलाओ जाति को संगठित कर सर्विया को जन्म दिया।

        इस प्रकार यूरोप में जन्मी राष्ट्रीयता की भावना ने प्रथम यूरोप को एवं अंततः परे विश्व को प्रभावित किया, जिसके फलस्वरूप यूरोप के राजनीतिक मानचित्र में बदलाव तो आया ही साथ साथ कई उपनिवेश भी स्वतंत्र हुए

4. जुलाई 1830 ई की क्रांति का विवरण दें।

उतर:– चार्ल्स दशम एक निरंकुश एवं प्रतिक्रियावादी शासक था, जिसने फ्रांस में उभर रही राष्ट्रीयता तथा जनतंत्र वादी भावनाओं को दबाने का कार्य किया। उसने अपने शासनकाल में संवैधानिक लोकतंत्र की राह में कई गतिरोध उत्पन्न किए। उसके द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री पोलिग्नेक ने पूर्व में हुई 18 में के द्वारा स्थापित समान नागरिक संहिता के स्थान पर शक्तिशाली अविभाज्य वर्ग की स्थापना तथा उसे विशेषाधिकार से विभूषित करने का प्रयास किया। उसके इस कदम को उदार वादियों ने चुनौती तथा क्रांति के विरुद्ध षड्यंत्र समझा। प्रतिनिधि सदन एवं दूसरे उदार वादियों ने पोलिगनेक एक के विरुद्ध गहरा असंतोष प्रकट किया।

                 चार्ल्स दशम ने इस विरोध की प्रतिक्रिया स्वरूप 25 जुलाई 1830 ईस्वी को चार अध्यादेश द्वारा उदार तत्वों का गला घोटने का प्रयास किया। अध्यादेश के विरोध में पेरिस में क्रांति की लहर दौड़ गई और फ्रांस में 28 जून 1830 ईस्वी से गृह युद्ध प्रारंभ हो गया, इसे ही जुलाई 1830 ईसवी की क्रांति कहा जाता है। परिणाम त चार्ल्स दशम को फ्रांस की राजगद्दी त्याग कर इंग्लैंड भागना पड़ा और इस प्रकार फ्रांस में बुरबो शासन काल का अंत हो गया। फ्रांस में 1830 ईस्वी की क्रांति के परिणाम स्वरूप बूरबो वंश के स्थान पर ऑरलियंस वंश को गद्दी सौंपी गई। इस वंश के शासक लुई फिलिप ने उदार वादियों पत्रकारों तथा पेरिस की जनता के समर्थन में सत्ता प्राप्त की थी। आता उसकी नीतियां उदार वादियों के पक्ष में तथा संवैधानिक गणतंत्र के निमित्त रही।

5. खूनी रविवार क्या है?

उतर:– 1905 ईसवी के ऐतिहासिक रूस जापान युद्ध में रूस बुरी तरह पराजित हुआ। पराजय के कारण 1905 ईस्वी में रूस में क्रांति हो गई। 9 फरवरी 1905 ईसवी कुल लोगों का समूह रोटी दो के नारे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सेंट पीटर्स वर्ग इस्थित महल की ओर जा रहा था परंतु जार की सेना ने इस निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाई , जिसमें हजारों लोग मारे गए, उस दिन रविवार था इसलिए उस तिथि को खूनी रविवार या लाल रविवार के नाम से जाना जाता है।

6. अक्टूबर क्रांति क्या है?

उतर:– लेनिन ने बल प्रयोग द्वारा करंट की सरकार को पलट देने का निश्चय किया। सेना और जनता दोनों ने साथ दिया। 7 नवंबर 1917 ईस्वी को बोल्शेविक ने पेट्रोग्राड के रेलवे स्टेशन बैंक डाकघर टेलीफोन केंद्र कचहरी अन्य सरकारी भवनों पर अधिकार लिया। करेंसी कि रूस छोड़कर भाग गया। इस प्रकार रूस की महान नवंबर क्रांति ,जिसे अक्टूबर क्रांति भी कहते हैं संपन्न हुई। अब शासन की बागडोर लेलिन के हाथों में आ गई। 

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