10th सामाजिक विज्ञान के महत्वपूर्ण सवाल
1. बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्वीकरण में कैसे मुख्य भूमिका निभा रहे हैं
उत्तर: बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां उत्पादन लागत
में कमी करने एवं अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उन जगह या देशों में उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती हैं
जहां उन्हें सस्ता श्रम सस्ता कच्चा माल एवं अन्य संसाधन मिल सकते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां एक अनोखी पद्धति जिससे
आउटसोर्सिंग कहा जाता है के माध्यम से काम करती हैं।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां ना तो सारा माल स्वयं पैदा करती हैं नहीं एक जगह पर उत्पादन करती हैं वे विभिन्न
देशों में विभिन्न पदार्थों का उत्पादन करती है। जहां उत्पाद की लागत कम बैठती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना
उत्पादन केंद्र उस देश में स्थापित करता है। उदाहरणार्थ अपने उत्पाद का डिजाइन अमेरिका के किसी कंपनी से
ले सकता है इसके बाद इसी डिजाइन के आधार पर वह चीन में स्थित अपनी उत्पादन इकाई में पूर्वजों का निर्माण का
ऑर्डर देती है।
इसका कारण है कि चीन में पूर्वजों का सस्ता निर्माण संभव है इसके बाद इन पूर्वजों को जोड़ने का काम पूर्वी यूरोप
में किया जा सकता है। इसके बाद तैयार उत्पाद अंतिम रूप में समूचे विश्व में बेचा जा सकता है। इस प्रकार विन वि
कार्यों के लिए अलग-अलग स्थानों का चयन करके बहुराष्ट्रीय कंपनी अपने लागत मूल्य को कम करता है। इस प्रकार
से बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना कारोबार विश्व स्तर पर चलाती हैं और लाभ उठाती हैं।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां संयुक्त उपक्रम के माध्यम से या कंपनियों के विलय से या विभिन्न देशों के छोटे उत्पादकों से माल
आपूर्ति ले करके अपना उत्पादन जाल फैल आती है। इस तरह बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा विश्व के दूर-दूर स्थानों पर
पहला उत्पादन एक दूसरे से संबंधित हो रहा है एवं वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रहा है।
2. वर्तमान आर्थिक मंदी का प्रभाव भारत के सेवा क्षेत्र पर क्या पड़ा, लिखें।
उत्तर: आर्थिक विकास किसी राष्ट्र एवं राज्य की सतत प्रक्रिया है। मंदी के कारण आर्थिक विकास अवरुद्ध हो जाते हैं।
वर्तमान मंदी के कारण सेवा क्षेत्र का भी प्रभावित हुआ है। वैश्विक स्तर पर मांग में कमी के कारण उत्पादन प्रक्रिया को
शिथिल करना पड़ा।
भारत का घरेलू मांग मजबूत होने के कारण मंदी का उस पर कम असर पड़ा। भारतीय पूंजी बाजार काफी मजबूत स्थिति में है।
यहां के इंजीनियर आज भी आउटसोर्सिंग में लगे हुए हैं। खासकर भारत का सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र काफी मजबूत है।
हमारा आधारभूत संरचना कमजोर होने के बावजूद वर्तमान मंदी का असर कम रहा।
मंदी का असर रोजगार सृजन पर पड़ा है। यहां का निर्यात उद्योग काफी हतोत्साहित हुआ। सरकारी समर्थन के बावजूद
निर्यात का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। विदेशों से प्राप्त होने वाली आय में काफी कमी आई।
इस प्रकार वर्तमान मंदी का प्रतिकूल प्रभाव विश्व के अधिकांश भागों पर पड़ा। विशेषकर विकसित देशों पर इसका
व्यापक असर पड़ा जबकि भारत चीन जैसे विकासशील देशों में इसका कम असर पड़ा। भारतीय पूंजी बाजार की मजबूत
कामा मानवीय श्रम की उच्च दक्षता एवं विशाल श्रम शक्ति के कारण 21वीं सदी में भारत एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है।
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