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सामाजिक विज्ञान के महत्त्वपूर्ण सवाल

सामाजिक विज्ञान के महत्त्वपूर्ण सवाल

1. शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाव आए हैं?

उतर:- शहरों का सामाजिक जीवन आधुनिकता के साथ अभिनन रूप से जोड़ जाता है वास्तव में यह एक दूसरे की अंतअभिव्यकित है। शहरों की आधुनिक व्यक्ति का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है संघन जनसंख्या के यह स्थल यहां कुछ मनीषियों के लिए अवसर प्रदान करता है वही यथार्थ में यह अवसर केवल कुछ व्यक्तियों को ही प्राप्त होता है प्ले स्टोर किंतु इन
बाधयताओ के बावजूद शहर समूह पहचान के सिद्धांत को आगे बढ़ाते हैं जो कई कारणों से जैसे प्रजाति धर्म निजतीय जाति प्रदेश तथा समूह सहरी जीवन का पूर्ण प्रतिनिधितव करते हैं । वास्तव में काम स्थान में अत्याधिक लोगों का जमाव पहचान को और तीरवि करता है तथा उनमें एक ओर सही अस्तित्व की भावना है तो दूसरी और पृथक्करण की प्रक्रिया।
शहरों में नए सामाजिक समूह बने। सभी वर्ग के लोग बड़े शहरों की ओर बाघ ने लगे। शहरी सभ्यता ने पुरुषों के साथ महिलाओं मैं भी व्यक्तिवाद की भावना को उत्पन्न किया एवं परिवार की उपादेयता और स्वरूप को पूरी तरह बदल दीया। जहां परिवारिक किए संबंध अब तक बहुत मजबूत थे वही ये बंधन ढीले पढ़ने लगे। महिलाओं के मताधिकार आंदोलन या विवाहित महिलाओं के लिए संपत्ति में अधिकार आदि आंदोलनों के माध्यम से महिलाएं लगभग 1870 ईस्वी के बाद से राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले पाई। समाज मैं महिलाओं की स्थिति में भी परिवर्तन आया। आधुनिक काल में महिलाओं ने समानता के लिए संघर्ष किया और समाज को कई रूपों में परिवर्तित करने में सहायता सिद्ध हुई है तो कहीं बाधा क। उदाहरण के लिए द्वितीय विश्वयुद्ध के समय पश्चातय विदेशों में महिलाओं कारखानों में काम करना प्रारंभ किया। एक दूसरा उदाहरण है जहां महिलाएं अपने ऐसीमता मैं परिवर्तन लाने में सफल हुई वह क्षेत्र था उपभोक्ता विज्ञापन। विज्ञापनों ने उपभोक्ता के रूप में महिलाओं को संवेदनशील बनाया।
शहरी जीवन से समाज में नए-नए वर्गो का उदय हुआ। व्यवसायी वर्ग मध्यम वर्ग पूंजीपति वर्ग प्रथम श्रमिक वर्ग।

 

2. मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विशव को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर:- मुद्रण क्रांति के कारण छापाखानो के संख्या में वृद्धि हुई जिसके परिणामस्वरूप पुस्तक निर्माण में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। मुद्रा क्रांति मैं आम लोगों की जिंदगी ही बदल दी। आम लोगों का जुड़ाव सूचना ज्ञान संस्था और सत्ता से नजदीकी स्तर पर हुआ। फलत: लोक चेतना एवं दृष्टि में बदलाव संभव हुआ।
मुद्रण क्रांति के फलस्वरूप किताबें समाज के सभी तबको तक पहुंच गई। किताबों की पहुंच आसान होने से पढ़ने की एक नई संस्कृतिक विकसित हुई एक नया पाठक वर्ग पैदा हुआ तथा पढ़ने से उनके अंदर तार्किक क्षमता का विकास हुआ। पठन-पाठन से विचारों का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ तथा तर्कवाद और मानवतावाद का द्वार खुला। धर्म सुधारक मार्टिन लूथर ने रोमन कैथोलिक चर्च की कुरतीयो की आलेचना करते हुए अपने पंचानवे (95) स्थापनाए लिखी। लूथर के लेख आम लोगों स्वतंत्र विचारों के पोशाक में काफी लोकप्रिय हुए। कैथोलिक चर्च की सत्ता एवं उसके चरित्र पर लोगों द्वारा प्रश्नचिन्ह उठाय जाने लगे। फलस्वरूप चर्चा में विभाजन हुआ और प्रोस्टेट धर्म सुधार आंदोलन की शुरुआत हुई। इस तरह छपाई से नए बौद्धिक माहौल का निर्माण हुआ एवं धर्म सुधार आंदोलन के नए विचारों का फैलाव बड़ी तेजी से आम लोगों तक हुआ। अपेक्षाकृत कम पढ़े लिखे लोग धर्म के अलग-अलग व्याख्याओ से परिचित हुए। कृषक से लेकर बुद्धिजीवी तक बाइबिल की नई नई व्याख्या करने लगे। आप गांव के गरीब भी सस्ती किताबों चौपबुक्स पंचांग ब्लयू एवं ऐतिहास आदि के किताबों को पढ़ना शुरू किए। वैज्ञानिक और दार्शनिक बातें भी आम जनता की पहुंच से बाहर नहीं रही। न्यूटन टामसपेन वॉल्तेयर और रूसो की पुस्तकें भारी मात्रा में छापने और पार्टी जाने लगी।

3. राजनीतिक दलों का राष्ट्रीय विकास में क्या योगदान है?
उतर:- राजनीतिक दल लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जनता की विभिन्न समस्याओं के समाधान में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण भूमिका का परिवहन करते हैं। आधुनिक लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की नितांत आवश्यकता है राजनीतिक दलों के अभाव में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था सफल ढंग से नहीं चल सकती है दरअसल राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण कहां जाता है। किसी भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में राजनीतिक दलों की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राजनीतिक दल देश के लोगों की भावनाओं एवं विचारों को जोड़ने का काम करते हैं लोकतंत्र में अगर राजनीतिक दल नहीं होंगे तो सभी उम्मीदवार निर्दलीय होंगे। उम्मीदवार अपनी नीतियां राष्ट्रहित में ना बनाकर उस क्षेत्र विशेष के लिए बनाएंगे जिन क्षेत्रों से वह चुनाव लड़ रहे हैं ऐसी स्थिति होने से देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ जाएगी और देश का विकास रुक जाएगा। समस्या से निजात दिलाने में राजनीतिक दलों का होना नितांत आवश्यक है राजनीतिक दलों की नीतियां एवं कार्यक्रम पूरे देश के लिए होती है ना की किसी क्षेत्र विशेष के लिए राजनीतिक दल के सदस्य सभी जाति धर्म क्षेत्र एवं लिंग के होते हैं राजनीतिक दल सभी लोगों की समस्याओं को समिति कर सरकार के सामने रखते हैं और उनके समाधान का प्रयास करवाते हैं। आता है राजनीतिक दल क्षेत्र विशेष से ऊपर उठकर राष्ट्रीय विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं

 

4. सामाजिक भेदभाव एवं विधिधता की उत्पत्ति कैसे उत्पन्न होती है

उत्तर:- सामाजिक विभाजन अधिकांशतः जन्म पर आधारित होता है। सामान्य तौर पर अपना समुदाय चुनना हमारे बस में नहीं होता। हम सिर्फ इस आधार पर किसी खास समुदाय के सदस्य हो जाते हैं कि हमारा जन्म उस समुदाय के एक परिवार में हुआ होता है सामाजिक विभिननताएं लोगों के बीच बंटवारे का एक बड़ा कारण बन जाती है लेकिन यही विभिननताएं कई बार अलग-अलग तरह के लोगों के बीच पुल का भी काम करती है। विभिन्न सामाजिक समूह के लोग अपनी समूह के सीमाओं से परे भी समानताओ और समानताओ का अनुभव करते हैं।

5. सेवा क्षेत्र के विकास में शिक्षा का क्या भूमिका है?

उत्तर:- आर्थिक विकास केवल वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन विस्तार से ही संभव है। इससे के मानव विकास एवं पूंजी निर्माण नितांत आवश्यक है। मानव पूंजी भौतिक पूंजी से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। श्रमिकों की कुशलता शिक्षण प्रशिक्षण स्वास्थ्य इत्यादि बढ़ाकर देश की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती हैं आय तो मात्र एक विकल्प है अर्थात आय का एक साधन है जबकि मानव विकास एक माध्यम है । शिक्षा एवं स्वास्थ्य से प्रत्येक मानव पूंजी का निर्माण होता है भौतिक पूंजी दृश्य होती है जबकि मानवीय पूंजी अदृश्य पुलिस स्टाफ बिना मानवीय पूंजी निर्माण के आर्थिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
जब मानव पूंजी सवाल हो जाती है तो इसकी महता काफी बढ़ जाती है। आज सेवा क्षेत्र के विकास के लिए इन मानव पूंजी पर निवेश करने की आवश्यकता होती है। बसतूत: शिक्षा स्वास्थ्य कार्य सब स्थन प्रशिक्षण प्रबंसन और सूचना में पूंजी निवेश करने के पश्चात मानव पूंजी एक शक्ति माध्यम बन जाता है जिससे आर्थिक विकास के सभी क्षेत्रों का विकास संभव है अच्छी मानव पूंजी जैसे वैज्ञानिकों डॉक्टर इंजीनियर कुशल प्रशासक समाजसेवी मनोवैज्ञानिक शिक्षा एवं शिक्षाविद मानव पूंजी का उत्पादन करके निवेश अस्तर को ऊंचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं

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