1. ओम के नियम को लिखे। एमीटर एवं बोल्टमीटर द्वारा इस नियम को जांच करें।
उत्तर:-ओम के नियम- अचर ताप पर किसी चालक से प्रवाहित होनेवाली विद्युतधारा चालक के सिरों के बीच के विभांतर का समानुपाती होता है।
दसवीं विज्ञान के महत्त्वपूर्ण सवाल
एक आसान से प्रयोग की सहायता से ओम के नियमों को सत्यापित किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक परिपथ को चित्र में दिखलाया गया है। कई सेलो को श्रेणीक्रम में जोड़कर एक बैटरी तैयार की जाति है जिसके समानांतर एक रियोस्टेट Rh लगाया हुआ है। दिया पूरी व्यवस्था व विभव पात (Potential Drop) के नाम से जानी जाति है जिससे मनचाहा विद्युत वाहक बल मुख्य परिपथ पर आरोपित किया जा सकता हैं ।
इसके कारण बालव B तथा धारा नियंत्रक प्रतिरोध R कर लगते विभवांतर को मापने के लिए उनके समानांतर एक बोल्टमीटर (V) भी लगा दिया जाता है। परिपथ में लगा एमीटर प्रवाहित धारा (I) का मान बतआता है। k को बंद करते परिपथ से धारा बहने लगती है। जब रियोसटेट के परिवर्तनशील टर्मिनल को A के निकट रखते हैं तो परिपठ पर लगा विभांतर छोटा होता है । उसे जैसे-जैसे B की ओर खिसकाते है आरोपित विभवांतर का मान बढ़ता है और उसी के साथ प्रवाहित धारा भी बढ़ती जाति है। अलग-अलग विभांतर और संगत के धारा का मान क्रमसे वोल्टमीटर तथा एमीटर से नोट कर लेते हैं । इस प्रकार रियोस्टेट की सहायता से V तथा I के कई जोड़ें पठन प्राप्त कर लिया जाता है जिन्हें क्रमसे X तथा Y अच्छ के अनुरूप रखते हुए एक ग्राफ खींचा जाता है। पाया जाता है की यह ग्राफ एक सरल रेखा के रूप में मिलता है जो बतलाता है कि V & I। इस प्रकार ओम के नियम का सत्यापन हो जाता है यदि इस रेखा का जुखाम प्राप्त किया तुम tan. से ओम के नियमानुसार परिपथ के कुल प्रतिरोधक का मुझे परिकलन संभव होता है
दसवीं विज्ञान के महत्त्वपूर्ण सवाल
2. जीवधारियों मैं पोषण का आवश्यकता क्यों होती है। पांच कारण लिखिए।
उत्तर:- अपने जी के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए प्रत्येक जीव को भोजन की जरूरत होती है। भोजन में स्थित विभिन्न तत्व यह कार्य करते हैं। इस प्रकार जीव पोशक तत्वों को ग्रहण कर उसका उपयोग करते हैं यह पोषण कहलाता है। दसवीं विज्ञान के महत्त्वपूर्ण सवाल
पोषण के अभाव में निम्न प्रभाव होंगे – शारीरिक विकास नहीं होगी हड्डियां मजबूत नहीं होंगी शरीर क्रियाओं का संपादन सही ढंग से नहीं होगा वृद्धि पूर्ण रूप से नहीं होगी जनन उत्सर्जन सभी क्रियाएं प्रभावित होगी।
अतः शरीर में होने बाली उपरोक्त क्रियाएं पोषण के अभाव में पूर्ण नहीं होगी। पीसी के लिए जीवो को नियत समय पर भोजन में फल कंद मूल् साग सब्जी मांस मछली मुर्गा अंडा आदि लेने से हमारे शरीर का विकास होगा । हमारा प्रत्येक अंग समुचित रूप से कार्य करत रहेगा एवं हम अपनी पीढ़ी को बनाएं रख पाएंगे।
3. मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है ।
उत्तर:- मानव प्राणियों में प्रमुख परिवहन तंत्र रुधिर परिसंचरण तंत्र होता है
मानव के प्रत्येक फेफड़े मैं अनेक सूक्ष्म कूपिताएं होती है। प्रत्येक कूपीका
में भरी वायु में से ऑक्सीजन बिशरित होकर लाल रुधिर कनिकाआ में उपस्थित हिमोग्लोबिन में चली जाती है और शरीर की सभी कोशिकाओं में वितरित कर दी जाती है।
ग्लूकोज के विश्लेषण से कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। रुधिर के संपर्क में आने पर उसके प्लाज्मा में मिल जाती है। यह गैस फेफड़े की कॉपीका के संपर्क में आने पर उसमें भारी बाजू में विसरित
हो जाती है तत्पशचात वाह नासिका रन्ध्रों से शरीर के बाहर निकाल दी जाती है। दसवीं विज्ञान के महत्त्वपूर्ण सवाल
4. कोई वस्तु सजीव है इसका निर्धारण करने के लिए हम किसी मापदंड का उपयोग करेंगे?
उत्तर:- हमारे चारों ओर उपस्थित वस्तुओं में से सजीव है या निर्जीव वास्तु की पुष्टि के लिए सामान्य रूप से उनमें होने वाली गति को देखते हैं। यदि वस्तु बिना किसी वाह शक्ति के लिए गति करती है तो उसे जीवित कहते हैं। यदि कोई बहुकोशिकीय जीव सोई हुई अवस्था में है तो भी आनिवक गति निरंतर हो रहा है यद्यपि वह बाहर से दिखाई नहीं पड़ती तो भी उनमें गति हो रही होती है। स्पष्ट है कि गति द्वारा हम सजीव तथा निर्जीव वस्तु को निर्धारण कर सकते हैं
5. पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को सचित्र दर्शाइए।
उत्तर:- पेड़ पौधों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड जल एवं पर्णहरित के माध्यम से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ग्लूकोज का संश्लेषण करना प्रकाश संश्लेषण कहलाता है। इस प्रक्रम मैं ऑक्सीजन गैस मुक्त होता है जो जल के अपघटन से निकलती है। ग्लूकोज का उपयोग ऊर्जा उत्पादन मैं किया जाता है।
प्रकाश संश्लेषण को एक संपूर्ण रसायनिक समीकरण के रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जाता है
6. संयोजन अभिक्रिया क्या है एक उदाहरण दीजिए
उत्तर:-जिस अभिक्रिया में दो या दो से अधिक तत्व का योगिक आपस में संयोग करके एक नया योगिक का निर्माण करते हैं जिसे गुण मूल पदार्थों के गुण से भिन्न होता है तो उस प्रतिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया करने पर कोयला के जलने की वजह से कार्बन एवं ऑक्सीजन संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं ।
7.अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हेतु पाँच कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर: प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हेतु निम्न कार्यों का प्रतिपादन होना चाहिए-
(1) प्राकृतिक अनवीकरण ऊर्जा स्रोतो की मात्रा निस्चित है और इसे बनने में लंबे समय लगते हैं जैसे कोयला पेट्रोलियम इत्यादि इनका खर्च बहुत ही काम करना चाहिए ताकि यह लंबे समय तक चल सके।
(2) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
(3) वनों का संरक्षित करना चाहिए।
(4) ऐसे ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना चाहिए जिससे प्रदूषण से बचा जा सके।
(5) वृक्षारोपण करना चाहिए।
8. गर्भनिरोधक के विभीनन विधियां कौन सी है? किसी एक विधि को उदाहरण के साथ लिखें।
उत्तर:- बंध्याकरण ऑपरेशन मैं पुरुष के शुक्रणुबाहीया या स्त्री में अंड वाहिका को आंशिक रूप से काटकर हटा दिया। इससे अंडा एवं स्पर्म नहीं संगलित हो पाते हैं। यह विधि vasectomy या tubectomy कहलाती है।
9. हमारे आमाशय में अम्ल की क्या भूमिका है?
उत्तर:- आमाशय की भिति में उपस्थित जटार ग्रंथियों से हाइड्रोक्लोरिक उत्पन्न होता है यह अम्लीय माध्यम तैयार करता है जो पेप्सिन एंजाइम की क्रिया मैं सहायक होता है। वह भोजन को सड़ाने से रोकता है। भोजन के साथ आए जीवाणुओं को नष्ट कर देता है। भोजन में उपस्थित ca को कोमल बनाता है पाइलोरीक छीडर के खुलने और बंद होने पर नियंत्रण रखता है। निष्ठकिरिया एंजाइमों (enzymes) को सक्रिय अवस्था में लाता है
9. भूतापीय ऊर्जा क्या होता है?
उत्तर:- भूपपर्टी के गहराइयों में भौमिकीय परिवर्तनों के कारण तप्त क्षेत्रों में चट्टाने ऊपर की ओर धकेल देती है। जब भूमिगत जल इन तपे हुए स्थलो के संपर्क में आता है तो भाव उत्पन्न होती है। कभी-कभी तत्व जल को पृथ्वी के पृष्ठ से बाहर निकालने का निकाश मार्ग मिल जाता है जिसे गर्म चश्मा का उसन स्रोत कहते हैं कभी-कभी भाप चट्टानों के बीच रुक जाती है इसका दाव बहुत अधिक हो जाता है। पाइप डालकर भाप को बाहर निकाल लिया जाता है और इसकी सहायता से विद्युत जनित्र ओं के द्वारा विद्युत उत्पन्न की जाती हैं। अतः भौमिकीय परिबर्तनो के कारण भूपपरटी की गहराइयों से तपत स्थान और भूमिगत जल से बने भाग से उत्पन्न ऊर्जा को भूतापीय उर्जा कहते हैं।
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